End of the World - December 21, 2012. Seven Reasons:
Scientific experts from around the world are genuinely predicting that five years from now, all life on Earth could well finish. Some are saying it'll be humans that set it off. Others believe that a natural phenomenon will be the cause. And the religious folks are saying it'll be God himself who presses the stop button...
1. Mayan Calendar
The first mob to predict 2012 as the end of the world were the Mayans, a bloodthirsty race that were good at two things:
Building highly accurate astrological equipment out of stone and Sacrificing Virgins.
Thousands of years ago they managed to calculate the length of the lunar moon as 329.53020 days, only 34 seconds out. The Mayan calendar predicts that the Earth will end on December 21, 2012. Given that they were pretty close to the mark with the lunar cycle, it's likely they've got the end of the world right as well.
2. Sun Storms
Solar experts from around the world monitoring the sun have made a startling discovery: our sun is in a bit of strife. The energy output of the sun is, like most things in nature, cyclic, and it's supposed to be in the middle of a period of relative stability. However, recent solar storms have been bombarding the Earth with so much radiation energy, it's been knocking out power grids and destroying satellites. This activity is predicted to get worse, and calculations suggest it'll reach its deadly peak sometime in 2012
3. The Atom Smasher
Scientists in Europe have been building the world's largest particle accelerator. Basically its a 27km tunnel designed to smash atoms together to find out what makes the Universe tick. However, the mega-gadget has caused serious concern, with some scientists suggesting that it's properly even a bad idea to turn it on in the first place. They're predicting all manner of deadly results, including mini black holes. So when this machine is fired up for its first serious experiment in 2012, the world could be crushed into a super-dense blob the size of a basketball.
4. The Bible says...
If having scientists warning us about the end of the world isn't bad enough,religious folks are getting in on the act aswell. Interpretations of the Christian Bible reveal that the date for Armageddon, the final battle between Good an Evil, has been set down for 2012. The I Ching, also known as the Chinese book of Changes, says the same thing, as do various sections of the Hindu teachings.
5. Super Volcano
Yellowstone National Park in the United States is famous for its thermal springs and Old Faithful geyser. The reason for this is simple - it's sitting on top of the world's biggest volcano, and geological experts are beginning to get nervous sweats. The Yellowstone volcano has a pattern of erupting every 650,000 years or so, and we're many years overdue for an explosion that will fill the atmosphere with ash, blocking the sun and plunging the Earth into a frozen winter that could last up to 15,000 years. The pressure under the Yellowstone is building steadily, and geologists have set 2012 as a likely date for the big bang.
6. The Physicists
This one's case of bog-simple maths mathematics. Physicists at Berekely Uni have been crunching the numbers. and they've determined that the Earth is well overdue for a major catastrophic event. Even worse, they're claiming their calculations prove, that we're all going to die, very soon - while also saying their prediction comes with a certainty of 99 percent- and 2012 just happens to be the best guess as to when it occurs.
7. Slip-Slop-Slap-BANG!
We all know the Earth is surrounded by a magnetic field that sheilds us from most of the sun's radiation. What you might not know is that the magnetic poles we call north and south have a nasty habit of swapping places every 750,000 years or so - and right now we're about 30,000 years overdue. Scientists have noted that the poles are drifting apart roughly 20-30kms each year, much faster than ever before, which points to a pole-shift being right around the corner. While the pole shift is underway, the magnetic field is disrupted and will eventually disappear, sometimes for up to 100 years. The result is enough UV outdoors to crisp your skin in seconds, killing everything it touches.
RANJEET KUMAR YADAV
Hello Friends, This is my Personal blog to share anything with you all
Monday, March 14, 2011
Thursday, February 24, 2011
I my idea importance of meditation, awareness, love, celebration, creativity and humour.
Never obey anyone's command unless it is coming from within you also.
There is no God other than life itself.
Truth is within you, do not search for it elsewhere.
Love is prayer.
To become a nothingness is the door to truth. Nothingness itself is the means, the goal and attainment.
Life is now and here.
Live wakefully.
Do not swim – float.
Die each moment so that you can be new each moment.
Do not search. That which is, is. Stop and see.
Never obey anyone's command unless it is coming from within you also.
There is no God other than life itself.
Truth is within you, do not search for it elsewhere.
Love is prayer.
To become a nothingness is the door to truth. Nothingness itself is the means, the goal and attainment.
Life is now and here.
Live wakefully.
Do not swim – float.
Die each moment so that you can be new each moment.
Do not search. That which is, is. Stop and see.
Wednesday, February 16, 2011
महाभारत ग्रंथ का आरम्भ
महाभारत ग्रंथ का आरम्भ :-
महाभारत ग्रंथ का आरम्भ निम्न श्लोक के साथ होता है:
“ नारायणं नमस्कृत्य नरं चैव नरोत्तमम्।
देवीं सरस्वतीं चैव ततो जयमुदीरयेत्।। „
परन्तु महाभारत के आदिपर्व में दिये वर्णन के अनुसार के अनुसार कई विद्वान इस ग्रंथ का आरम्भ "नारायणं नमस्कृत्य" से, तो कोई आस्तिक पर्व से और दूसरे विद्वान ब्राह्मण उपचिर वसु की कथा से इसका आरम्भ मानते हैं।
विशालता:-
महाभारत की विशालता और दार्शनिक गूढता न केवल भारतीय मूल्यों का संकलन है बल्कि हिन्दू धर्म और वैदिक परम्परा का भी सार है। महाभारत की विशालता का अनुमान उसके प्रथमपर्व में उल्लेखित एक श्लोक से लगाया जा सकता है :
“ "जो यहाँ (महाभारत में) है वह आपको संसार में कहीं न कहीं अवश्य मिल जायेगा, जो यहाँ नहीं है वो संसार में आपको अन्यत्र कहीं नहीं मिलेगा"
महाभारत युद्ध:-
• विश्व विख्यात भारतीय गणितज्ञ एवं खगोलज्ञ वराहमिहिर के अनुसार महाभारत युद्ध २४४९ ईसा पूर्व हुआ था।
• विश्व विख्यात भारतीय गणितज्ञ एवं खगोलज्ञ आर्यभट के अनुसार महाभारत युद्ध १८ फ़रवरी ३१०२ ईसा पूर्व में हुआ था।
• अधिकतर पश्चिमी विद्वान जैसे मायकल विटजल के अनुसार भारत युद्ध १२०० ईसा पूर्व में हुआ था, जो इसे भारत में लौह युग (१२००-८०० ईसा पूर्व) से जोड़कर देखते हैं।
• अधिकतर भारतीय विद्वान जैसे बी ऐन अचर, एन एस राजाराम, के सदानन्द, सुभाष काक ग्रह-नक्षत्रों की आकाशीय गणनाओं के आधार पर इसे ३०६७ ईसा पूर्व और कुछ यूरोपीय विद्वान जैसे पी वी होले इसे १३ नवंबर ३१४३ ईसा पूर्व में आरम्भ हुआ मानते हैं।
महाभारत ग्रंथ का आरम्भ निम्न श्लोक के साथ होता है:
“ नारायणं नमस्कृत्य नरं चैव नरोत्तमम्।
देवीं सरस्वतीं चैव ततो जयमुदीरयेत्।। „
परन्तु महाभारत के आदिपर्व में दिये वर्णन के अनुसार के अनुसार कई विद्वान इस ग्रंथ का आरम्भ "नारायणं नमस्कृत्य" से, तो कोई आस्तिक पर्व से और दूसरे विद्वान ब्राह्मण उपचिर वसु की कथा से इसका आरम्भ मानते हैं।
विशालता:-
महाभारत की विशालता और दार्शनिक गूढता न केवल भारतीय मूल्यों का संकलन है बल्कि हिन्दू धर्म और वैदिक परम्परा का भी सार है। महाभारत की विशालता का अनुमान उसके प्रथमपर्व में उल्लेखित एक श्लोक से लगाया जा सकता है :
“ "जो यहाँ (महाभारत में) है वह आपको संसार में कहीं न कहीं अवश्य मिल जायेगा, जो यहाँ नहीं है वो संसार में आपको अन्यत्र कहीं नहीं मिलेगा"
महाभारत युद्ध:-
• विश्व विख्यात भारतीय गणितज्ञ एवं खगोलज्ञ वराहमिहिर के अनुसार महाभारत युद्ध २४४९ ईसा पूर्व हुआ था।
• विश्व विख्यात भारतीय गणितज्ञ एवं खगोलज्ञ आर्यभट के अनुसार महाभारत युद्ध १८ फ़रवरी ३१०२ ईसा पूर्व में हुआ था।
• अधिकतर पश्चिमी विद्वान जैसे मायकल विटजल के अनुसार भारत युद्ध १२०० ईसा पूर्व में हुआ था, जो इसे भारत में लौह युग (१२००-८०० ईसा पूर्व) से जोड़कर देखते हैं।
• अधिकतर भारतीय विद्वान जैसे बी ऐन अचर, एन एस राजाराम, के सदानन्द, सुभाष काक ग्रह-नक्षत्रों की आकाशीय गणनाओं के आधार पर इसे ३०६७ ईसा पूर्व और कुछ यूरोपीय विद्वान जैसे पी वी होले इसे १३ नवंबर ३१४३ ईसा पूर्व में आरम्भ हुआ मानते हैं।
MANU(मनु)
मनु:-
मनु हिन्दू धर्म के अनुसार, संसार के प्रथम पुरुष थे। प्रथम मनु का नाम स्वायंभुव मनु था, जिनके संग प्रथम स्त्री थी शतरूपा। ये स्वयं भू यानि पृथ्वी से उत्पन्न होने के कारण ही स्वायंभू कहलाये। इन्हीं प्रथम पुरुष और प्रथम स्त्री की सन्तानों से संसार के समस्त जनों की उत्पत्ति हुई। मनु की सन्तान होने के कारण वे मानव या मनुष्य कहलाए। स्वायंभुव मनु को आदि भी कहा जाता है। आदि का अर्थ होता है प्रारंभ। सभी भाषाओं के मनुष्य-वाची शब्द मैन, मनुज, मानव, आदम, आदमी आदि सभी मनु शब्द से प्रभावित है। यह समस्त मानव जाति के प्रथम संदेशवाहक हैं। इन्हें प्रथम मानने के कई कारण हैं। सप्तचरुतीर्थ के पास वितस्ता नदी की शाखा देविका नदी के तट पर मनुष्य जाति की उत्पत्ति हुई। प्रमाण यही बताते हैं कि आदि सृष्टि की उत्पत्ति भारत के उत्तराखण्ड अर्थात् इस ब्रह्मावर्त क्षेत्र में ही हुई। मानव का हिन्दी में अर्थ है वह जिसमें मन, जड़ और प्राण से कहीं अधिक सक्रिय है। मनुष्य में मन की शक्ति है, विचार करने की शक्ति है, इसीलिए उसे मनुष्य कहते हैं। और ये सभी मनु की संतानें हैं इसीलिए मनुष्य को मानव भी कहा जाता है।
मनु हिन्दू धर्म के अनुसार, संसार के प्रथम पुरुष थे। प्रथम मनु का नाम स्वायंभुव मनु था, जिनके संग प्रथम स्त्री थी शतरूपा। ये स्वयं भू यानि पृथ्वी से उत्पन्न होने के कारण ही स्वायंभू कहलाये। इन्हीं प्रथम पुरुष और प्रथम स्त्री की सन्तानों से संसार के समस्त जनों की उत्पत्ति हुई। मनु की सन्तान होने के कारण वे मानव या मनुष्य कहलाए। स्वायंभुव मनु को आदि भी कहा जाता है। आदि का अर्थ होता है प्रारंभ। सभी भाषाओं के मनुष्य-वाची शब्द मैन, मनुज, मानव, आदम, आदमी आदि सभी मनु शब्द से प्रभावित है। यह समस्त मानव जाति के प्रथम संदेशवाहक हैं। इन्हें प्रथम मानने के कई कारण हैं। सप्तचरुतीर्थ के पास वितस्ता नदी की शाखा देविका नदी के तट पर मनुष्य जाति की उत्पत्ति हुई। प्रमाण यही बताते हैं कि आदि सृष्टि की उत्पत्ति भारत के उत्तराखण्ड अर्थात् इस ब्रह्मावर्त क्षेत्र में ही हुई। मानव का हिन्दी में अर्थ है वह जिसमें मन, जड़ और प्राण से कहीं अधिक सक्रिय है। मनुष्य में मन की शक्ति है, विचार करने की शक्ति है, इसीलिए उसे मनुष्य कहते हैं। और ये सभी मनु की संतानें हैं इसीलिए मनुष्य को मानव भी कहा जाता है।
Tuesday, February 15, 2011
महाभारत अनुसार
महाभारत अनुसार:-
महाभारत में पृथ्वी का पूरा मानचित्र हजारों वर्ष पूर्व ही दे दिया गया था। महाभारत में कहा गया है कि यह पृथ्वी चन्द्रमंडल में देखने पर दो अंशों मे खरगोश तथा अन्य दो अंशों में पिप्पल (पत्तों) के रुप में दिखायी देती है.
एक खरगोश और दो पत्तो का चित्र
चित्र को उल्टा करने पर बना पृथ्वी का मानचित्र
उपरोक्त मानचित्र ग्लोब में
महाभारत में पृथ्वी का पूरा मानचित्र हजारों वर्ष पूर्व ही दे दिया गया था। महाभारत में कहा गया है कि यह पृथ्वी चन्द्रमंडल में देखने पर दो अंशों मे खरगोश तथा अन्य दो अंशों में पिप्पल (पत्तों) के रुप में दिखायी देती है.
एक खरगोश और दो पत्तो का चित्र
चित्र को उल्टा करने पर बना पृथ्वी का मानचित्र
उपरोक्त मानचित्र ग्लोब में
Thursday, February 10, 2011
फिर से शुरू होगी महामशीन
वैज्ञानिक आने वाले दिनों में दुनिया की सबसे शक्तिशाली महामशीन शुरू करके ब्रह्मांड के रहस्यों का पता लगाने के लिए नए अभियान की तैयारी कर रहे हैं। यूरोपियन ऑर्गेनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च (सीईआरएन) ने यह जानकारी दी।
अथाह ऊर्जा स्तर पर इसकी टक्कर कराने की तैयारी के तहत 3.9 अरब यूरो की लागत वाले विशाल हारडोन कोलाइडर को दिसंबर में बंद कर दिया गया था। 14 महीने तक खराब रहने के बाद इसे ठीक करके कुछ सप्ताह तक चलाया गया। इस महामशीन का लक्ष्य ब्रह्मांड की उत्पत्ति को समझना है।
सीईआरएन के प्रवक्ता जेम्स गिल्लिज ने बताया कि हम सोमवार और बुधवार के बीच पहले उच्च ऊर्जा टक्कर के जरिए एलएचसी में किरण पाने लगेंगे। इसलिए अनुसंधान कार्यक्रम की वास्तविक शुरुआत अगले दो से चार हफ्ते बाद होगी।
More About : फिर से शुरू होगी महामशीन
अथाह ऊर्जा स्तर पर इसकी टक्कर कराने की तैयारी के तहत 3.9 अरब यूरो की लागत वाले विशाल हारडोन कोलाइडर को दिसंबर में बंद कर दिया गया था। 14 महीने तक खराब रहने के बाद इसे ठीक करके कुछ सप्ताह तक चलाया गया। इस महामशीन का लक्ष्य ब्रह्मांड की उत्पत्ति को समझना है।
सीईआरएन के प्रवक्ता जेम्स गिल्लिज ने बताया कि हम सोमवार और बुधवार के बीच पहले उच्च ऊर्जा टक्कर के जरिए एलएचसी में किरण पाने लगेंगे। इसलिए अनुसंधान कार्यक्रम की वास्तविक शुरुआत अगले दो से चार हफ्ते बाद होगी।
More About : फिर से शुरू होगी महामशीन
Monday, February 7, 2011
LIFE...........KYA........HAI....
LIFE ………………………….NO LIMITE
Meri soch jyada dur to nahi jati par kuchh lagata hai ki
Mujhe jindgi me kuchh lagta hi nahi.mai sochata hun ki duniya me kuchh nahi hai hera bhi kuchh vajud nahi hai.
Hum aaps me ladate hai jhagdte hai esase kuchh nahi hone wala.agar mai aapse kahun ki agar chandrma par se koi hume ekhe to kya kahega ki kaun hai bai kuchh nahi use to kewal zero dikhai padega.ram na rahim koi nahi par jab yahan aayega to use sabse parichit karaya gayega ki bhai ye ram hai aur ye rahim.
Mai kah raha hun ki koi naam ke liye kuchh karata to koi roti ke liye to koi paisa ke liye to koi kuchh ke liye sabhi kuchh na kuchh ke liye karte hai par ant me hume maut bina mage aajati hai.
Maut se bach kar koi nahi ja sakta ek na ek din to marna hi hai.koi kahta hai ki ram ram japne me jo maja hai vah kahi nahi,koi kahta hai ki achhe ache khana khane me jo maja hai vo kahi nahi,koi kahata hai mujhe to sone me sabse maja aata hai,koi ko competition me maja aata hai to koi ko kuchh me .mujhe lagta hai ki hum aapni life ko busy banana me lage huye hai chahe wah tarika kuchh bhi ho.hamari life ko busy banana hamara udesya hai hum puri life ko ram ko,paisa,ya kuchh na kuchh dhudhne nikal dete hai par milta hai.kuchh log kahte hai ki sarir marti hai par aatma nahi marti .aatma amar hoti hai meri soch me aatma ka koi chakkar hi nahi hai.
Mai aaj suna hun ki kisi scientist ne ek adbhut khoj ki hai ki budha(old)aadmi jawan ho jayega.usne yah prayog chuho (mouse) par ki hai aur maose jawan bhi ho gaye.hume to lagata hai ki bramha ki to band baj gayi,unke lekhe jokhe ka kaya ho ga.hamari sanskriti hi palat jayegi .kuchh din bad koi marega hi nahi.mano ki samundra manthan se amrit aagya ho chalo phir kya log apni jindgi se ubkar khud hi marege apna bhagya khud likhege.
Meri soch jyada dur to nahi jati par kuchh lagata hai ki
Mujhe jindgi me kuchh lagta hi nahi.mai sochata hun ki duniya me kuchh nahi hai hera bhi kuchh vajud nahi hai.
Hum aaps me ladate hai jhagdte hai esase kuchh nahi hone wala.agar mai aapse kahun ki agar chandrma par se koi hume ekhe to kya kahega ki kaun hai bai kuchh nahi use to kewal zero dikhai padega.ram na rahim koi nahi par jab yahan aayega to use sabse parichit karaya gayega ki bhai ye ram hai aur ye rahim.
Mai kah raha hun ki koi naam ke liye kuchh karata to koi roti ke liye to koi paisa ke liye to koi kuchh ke liye sabhi kuchh na kuchh ke liye karte hai par ant me hume maut bina mage aajati hai.
Maut se bach kar koi nahi ja sakta ek na ek din to marna hi hai.koi kahta hai ki ram ram japne me jo maja hai vah kahi nahi,koi kahta hai ki achhe ache khana khane me jo maja hai vo kahi nahi,koi kahata hai mujhe to sone me sabse maja aata hai,koi ko competition me maja aata hai to koi ko kuchh me .mujhe lagta hai ki hum aapni life ko busy banana me lage huye hai chahe wah tarika kuchh bhi ho.hamari life ko busy banana hamara udesya hai hum puri life ko ram ko,paisa,ya kuchh na kuchh dhudhne nikal dete hai par milta hai.kuchh log kahte hai ki sarir marti hai par aatma nahi marti .aatma amar hoti hai meri soch me aatma ka koi chakkar hi nahi hai.
Mai aaj suna hun ki kisi scientist ne ek adbhut khoj ki hai ki budha(old)aadmi jawan ho jayega.usne yah prayog chuho (mouse) par ki hai aur maose jawan bhi ho gaye.hume to lagata hai ki bramha ki to band baj gayi,unke lekhe jokhe ka kaya ho ga.hamari sanskriti hi palat jayegi .kuchh din bad koi marega hi nahi.mano ki samundra manthan se amrit aagya ho chalo phir kya log apni jindgi se ubkar khud hi marege apna bhagya khud likhege.
Thursday, February 3, 2011
RUTHE SHAYAR KI ACHHI SHAYARI
मंज़िलों की खोज में तुमको जो चलता सा लगा
मुझको तो वो ज़िन्दगी भर घर बदलता सा लगा
धूप आयी तो हवा का दम निकलता सा लगा
और सूरज भी हवा को देख जलता सा लगा
झूठ जबसे चाँदनी बन भीड़ को भरमा गया
सच का सूरज झूठ के पाँवों पे चलता सा लगा
मेरे ख्वाबों पर ज़मीनी सच की बिजली जब गिरी
आसमानी बर्क क़ा भी दिल दहलता सा लगा
चन्द क़तरे ठन्डे क़ागज़ के बदन को तब दिए
खून जब अपनी रगों में कुछ उबलता सा लगा
मुझको तो वो ज़िन्दगी भर घर बदलता सा लगा
धूप आयी तो हवा का दम निकलता सा लगा
और सूरज भी हवा को देख जलता सा लगा
झूठ जबसे चाँदनी बन भीड़ को भरमा गया
सच का सूरज झूठ के पाँवों पे चलता सा लगा
मेरे ख्वाबों पर ज़मीनी सच की बिजली जब गिरी
आसमानी बर्क क़ा भी दिल दहलता सा लगा
चन्द क़तरे ठन्डे क़ागज़ के बदन को तब दिए
खून जब अपनी रगों में कुछ उबलता सा लगा
HINDI JOKES
Teacher: OXFORD matlab kya hai?
Student: OX matlab bail, FORD matlab Gaadi. to OXFORD matlab bail gaadi
Teacher: raju, tum kis liye college aate ho?
Student: vidya ke khaatir
Teacher: toh ab so kyu rahe ho?
Student: aaj vidya nahi aayi hai sir
Pati: mere marne ke baad, kyaa tum doosri shaadi karogi?
Patni: nahi. main apni behan ki saath rahungi. aap?
Pati: main bhi tumhaare behan ke saath rahunga
1st wife: tumhaara sharaabi pati roz peekar ghar aata hai na. tum poochti kyu nahi ho.
2nd wife: main poochi thi. lekin unhone mujhe diyaa nahi.
Doctor: aap dariye mat. main hoo na.
Patient: wahi mera sabse bada dar hai doctor.
Patient: Doctor, yeh mera pehla operation hai. thoda dhyaan se karna.
Doctor: dara mat. yeh mera bhi pehla operation hai
Doctor: is dawaa ko ek hafte main poora karo aur baad main aake milo.
Patient: teek hai doctor
(ek hafte ke baad)
Doctor: dawaa khatam huaa kya?
Patient: nahi doctor.
Doctor: kyu nahi?
Patient: usme likhaa thaa ke, bottle ko hamesha bandh rakhe
Student: OX matlab bail, FORD matlab Gaadi. to OXFORD matlab bail gaadi
Teacher: raju, tum kis liye college aate ho?
Student: vidya ke khaatir
Teacher: toh ab so kyu rahe ho?
Student: aaj vidya nahi aayi hai sir
Pati: mere marne ke baad, kyaa tum doosri shaadi karogi?
Patni: nahi. main apni behan ki saath rahungi. aap?
Pati: main bhi tumhaare behan ke saath rahunga
1st wife: tumhaara sharaabi pati roz peekar ghar aata hai na. tum poochti kyu nahi ho.
2nd wife: main poochi thi. lekin unhone mujhe diyaa nahi.
Doctor: aap dariye mat. main hoo na.
Patient: wahi mera sabse bada dar hai doctor.
Patient: Doctor, yeh mera pehla operation hai. thoda dhyaan se karna.
Doctor: dara mat. yeh mera bhi pehla operation hai
Doctor: is dawaa ko ek hafte main poora karo aur baad main aake milo.
Patient: teek hai doctor
(ek hafte ke baad)
Doctor: dawaa khatam huaa kya?
Patient: nahi doctor.
Doctor: kyu nahi?
Patient: usme likhaa thaa ke, bottle ko hamesha bandh rakhe
कबीर के दोहे - Kabir Ke Dohe
चाह मिटी, चिंता मिटी मनवा बेपरवाह ।
जिसको कुछ नहीं चाहिए वह शहनशाह॥
माटी कहे कुम्हार से, तु क्या रौंदे मोय ।
एक दिन ऐसा आएगा, मैं रौंदूगी तोय ॥
माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर ।
कर का मन का डार दे, मन का मनका फेर ॥
तिनका कबहुँ ना निंदये, जो पाँव तले होय ।
कबहुँ उड़ आँखो पड़े, पीर घानेरी होय ॥
गुरु गोविंद दोनों खड़े, काके लागूं पाँय ।
बलिहारी गुरु आपनो, गोविंद दियो मिलाय ॥
सुख मे सुमिरन ना किया, दु:ख में करते याद ।
कह कबीर ता दास की, कौन सुने फरियाद ॥
साईं इतना दीजिये, जा मे कुटुम समाय ।
मैं भी भूखा न रहूँ, साधु ना भूखा जाय ॥
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय ।
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय ॥
कबीरा ते नर अँध है, गुरु को कहते और ।
हरि रूठे गुरु ठौर है, गुरु रूठे नहीं ठौर ॥
माया मरी न मन मरा, मर-मर गए शरीर ।
आशा तृष्णा न मरी, कह गए दास कबीर ॥
रात गंवाई सोय के, दिवस गंवाया खाय ।
हीरा जन्म अमोल था, कोड़ी बदले जाय ॥
दुःख में सुमिरन सब करे सुख में करै न कोय।
जो सुख में सुमिरन करे दुःख काहे को होय ॥
सुख मे सुमिरन ना किया, दु:ख में किया याद ।
कह कबीर ता दास की, कौन सुने फरियाद ॥
लूट सके तो लूट ले, राम नाम की लूट ।
पाछे फिरे पछताओगे, प्राण जाहिं जब छूट ॥
जाति न पूछो साधु की, पूछि लीजिए ज्ञान ।
मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान ॥
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय ।
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय ॥
बडा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर।
पंथी को छाया नही फल लागे अति दूर ॥
पाँच पहर धन्धे गया, तीन पहर गया सोय ।
एक पहर हरि नाम बिन, मुक्ति कैसे होय ॥
कबीरा सोया क्या करे, उठि न भजे भगवान ।
जम जब घर ले जायेंगे, पड़ी रहेगी म्यान ॥
जग में बैरी कोई नहीं, जो मन शीतल होय ।
यह आपा तो ड़ाल दे, दया करे सब कोय ॥
जहाँ काम तहाँ नाम नहिं, जहाँ नाम नहिं वहाँ काम ।
दोनों कबहूँ नहिं मिले, रवि रजनी इक धाम ॥
कामी, क्रोधी, लालची, इनसे भक्ति न होय ।
भक्ति करे कोइ सूरमा, जाति वरन कुल खोय ॥
साधु ऐसा चाहिए जैसा सूप सुभाय।
सार-सार को गहि रहै थोथा देई उडाय॥
जो तोको काँटा बुवै ताहि बोव तू फूल।
तोहि फूल को फूल है वाको है तिरसुल॥
उठा बगुला प्रेम का तिनका चढ़ा अकास।
तिनका तिनके से मिला तिन का तिन के पास॥
सात समंदर की मसि करौं लेखनि सब बनराइ।
धरती सब कागद करौं हरि गुण लिखा न जाइ॥
साधू गाँठ न बाँधई उदर समाता लेय।
आगे पाछे हरी खड़े जब माँगे तब देय॥
जिसको कुछ नहीं चाहिए वह शहनशाह॥
माटी कहे कुम्हार से, तु क्या रौंदे मोय ।
एक दिन ऐसा आएगा, मैं रौंदूगी तोय ॥
माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर ।
कर का मन का डार दे, मन का मनका फेर ॥
तिनका कबहुँ ना निंदये, जो पाँव तले होय ।
कबहुँ उड़ आँखो पड़े, पीर घानेरी होय ॥
गुरु गोविंद दोनों खड़े, काके लागूं पाँय ।
बलिहारी गुरु आपनो, गोविंद दियो मिलाय ॥
सुख मे सुमिरन ना किया, दु:ख में करते याद ।
कह कबीर ता दास की, कौन सुने फरियाद ॥
साईं इतना दीजिये, जा मे कुटुम समाय ।
मैं भी भूखा न रहूँ, साधु ना भूखा जाय ॥
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय ।
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय ॥
कबीरा ते नर अँध है, गुरु को कहते और ।
हरि रूठे गुरु ठौर है, गुरु रूठे नहीं ठौर ॥
माया मरी न मन मरा, मर-मर गए शरीर ।
आशा तृष्णा न मरी, कह गए दास कबीर ॥
रात गंवाई सोय के, दिवस गंवाया खाय ।
हीरा जन्म अमोल था, कोड़ी बदले जाय ॥
दुःख में सुमिरन सब करे सुख में करै न कोय।
जो सुख में सुमिरन करे दुःख काहे को होय ॥
सुख मे सुमिरन ना किया, दु:ख में किया याद ।
कह कबीर ता दास की, कौन सुने फरियाद ॥
लूट सके तो लूट ले, राम नाम की लूट ।
पाछे फिरे पछताओगे, प्राण जाहिं जब छूट ॥
जाति न पूछो साधु की, पूछि लीजिए ज्ञान ।
मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान ॥
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय ।
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय ॥
बडा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर।
पंथी को छाया नही फल लागे अति दूर ॥
पाँच पहर धन्धे गया, तीन पहर गया सोय ।
एक पहर हरि नाम बिन, मुक्ति कैसे होय ॥
कबीरा सोया क्या करे, उठि न भजे भगवान ।
जम जब घर ले जायेंगे, पड़ी रहेगी म्यान ॥
जग में बैरी कोई नहीं, जो मन शीतल होय ।
यह आपा तो ड़ाल दे, दया करे सब कोय ॥
जहाँ काम तहाँ नाम नहिं, जहाँ नाम नहिं वहाँ काम ।
दोनों कबहूँ नहिं मिले, रवि रजनी इक धाम ॥
कामी, क्रोधी, लालची, इनसे भक्ति न होय ।
भक्ति करे कोइ सूरमा, जाति वरन कुल खोय ॥
साधु ऐसा चाहिए जैसा सूप सुभाय।
सार-सार को गहि रहै थोथा देई उडाय॥
जो तोको काँटा बुवै ताहि बोव तू फूल।
तोहि फूल को फूल है वाको है तिरसुल॥
उठा बगुला प्रेम का तिनका चढ़ा अकास।
तिनका तिनके से मिला तिन का तिन के पास॥
सात समंदर की मसि करौं लेखनि सब बनराइ।
धरती सब कागद करौं हरि गुण लिखा न जाइ॥
साधू गाँठ न बाँधई उदर समाता लेय।
आगे पाछे हरी खड़े जब माँगे तब देय॥
Tuesday, January 25, 2011
HOW TECHNOLOGY USE IN LIFE
Hume lagta hai ki kuchhh din bad chemistry and biology ek sath ho jayege.kyo ki biology me bhi study karne se yhi paya gaya ki jo chije ban rahi hai ve reaction se banti hai chahe garbh me bachche ka banana,chahe job hi ho sabh reaction se hota hai chemistry to nayi kranti hai jisse hum naye chijo ka nirman karte hai par biology thoda hat ke hai par hai sem.
Jaise ki koi tree ka seeds mitti se reaction karke ankurit ho jata hai,or mai kah sakta hun ki man and oman ke milne se bhi reactiom ho jata hai tabhi to ek bachche kanirman ho jata hai.chemistry to ek kranti hai jo yah parda uthati hai ki jo kuchchh ho raha hai wah reaction hai par aadmi samjhne ko raji hi nahi hai jab tak use proof na diya jay.
Hamne suna hai ki America me scientist ne parkhnali me bachcha paida kar diya.
Ek chote se reaction se kitani adbhut and ajib gatna ghata diya.hujhe lagata hai ki science itni tarkki karega ki khud aadmi ko or kuchch bhi banane me Samarth ho jayega.
Aur kuchch din bad to admi “aadha robot aur adha machine” ho gayega.maine suna hai ki ,electric aakh(eye) ban rahi hai yahi nahi electric hurt bhi ban rahe hai.jis din electric mind bhi ban gaya samjho duniya badal jayegi.god to duniya se bida ho rahe hai par aane wale samay me god ka namoo nisan mit jayega bas sabd hi rah jaye ga god.mujhe to lagta hai ki g…o..d kahi d…o…g na ho jay jaisa dekh raha hu kyoki ab to class one se hi technology ke bare me bataya jayega naki Ram,kabir etyadi.
Technology ko pooja jayega naki ram ko.yahi nahi kiso ko ramayan or kuran ,bible padne ka mauka hi nahi ahega.
Aajse kuchh sal bad log aaps me bat karege to kahege ki bhai ram ne to MAHABHARAT rach diya to dusra bolega ki han yaar SEETA ji ka chir haran huwa tha to ram gussa me ho gaye aur GITA rach di.
Kuchh log to confuse ho jayegi ki “kans” ko “Ran maare ya krishan”.
Chaliye baat ko agar na badaye to achha hai baat to baat hai ………………..
Jaise ki koi tree ka seeds mitti se reaction karke ankurit ho jata hai,or mai kah sakta hun ki man and oman ke milne se bhi reactiom ho jata hai tabhi to ek bachche kanirman ho jata hai.chemistry to ek kranti hai jo yah parda uthati hai ki jo kuchchh ho raha hai wah reaction hai par aadmi samjhne ko raji hi nahi hai jab tak use proof na diya jay.
Hamne suna hai ki America me scientist ne parkhnali me bachcha paida kar diya.
Ek chote se reaction se kitani adbhut and ajib gatna ghata diya.hujhe lagata hai ki science itni tarkki karega ki khud aadmi ko or kuchch bhi banane me Samarth ho jayega.
Aur kuchch din bad to admi “aadha robot aur adha machine” ho gayega.maine suna hai ki ,electric aakh(eye) ban rahi hai yahi nahi electric hurt bhi ban rahe hai.jis din electric mind bhi ban gaya samjho duniya badal jayegi.god to duniya se bida ho rahe hai par aane wale samay me god ka namoo nisan mit jayega bas sabd hi rah jaye ga god.mujhe to lagta hai ki g…o..d kahi d…o…g na ho jay jaisa dekh raha hu kyoki ab to class one se hi technology ke bare me bataya jayega naki Ram,kabir etyadi.
Technology ko pooja jayega naki ram ko.yahi nahi kiso ko ramayan or kuran ,bible padne ka mauka hi nahi ahega.
Aajse kuchh sal bad log aaps me bat karege to kahege ki bhai ram ne to MAHABHARAT rach diya to dusra bolega ki han yaar SEETA ji ka chir haran huwa tha to ram gussa me ho gaye aur GITA rach di.
Kuchh log to confuse ho jayegi ki “kans” ko “Ran maare ya krishan”.
Chaliye baat ko agar na badaye to achha hai baat to baat hai ………………..
Sunday, January 16, 2011
ABOUT AATMA
Hum to ek machin hai jaisa ki aap log jante hai koi motor cycle ho.hum koi aatma ke chakkar me kyo pade .aur nahi to hume aatma ke naam se darate hai log aatma ko dard pahuche ga.es aadmi ko agar pani nahi pilaye to eski aatma ko dard pahuche ga.mai to kahta hun ki aadmi ko dard pahuche ga aatma ka chakkar kyo late ho .bichara ko pyas lagi aur pani na mile to aatma thode kahe gi tu ruk mai abhi jati hun pani piker aati hun tu tab tak baitha rah.
Aatma hoti to pyas nahi lagti aatma to aatma hai ese bhi pyas lagti hai to aadmi hi thik hai hum ek adbhut machinn hai.hume jaisi chije chahiye mai vaisi chijo ka upyog karte hai.agar hum thak jate hai to hum hi aaram karte hai na ki aatma,agar hum bimar padte hai to dawa hum khate hai na ki aatma.
Hamari sanskriti sadhu santo se bhari hui hai hume kya mila kuchh nahi hum in bekar ke chakkar me phase rahe agar hume gyat ho jata to hum aaj sabse aage hote.
Hum aaj western ki sabhyata ko la rahe kyo ki hume aaj usi ki jarurat hai naki aatma ki .aaj bhi kuchh log aatma ke chakkar me pade huye hai.vah log kab sudhare g eve log sab kuchhh dekh rahe hai phir bhi agyan bane hai hume to aatma ko khojna hai.
Agar hum ek bar mar gaye to sab kuchh usi din khatam ho gaya.agar hamari sans ruk gayi to hamari aatma nahi bachayegi agar hum doctor ke pas nag ye to phir kya hoga ……..
Hum doctor ke pas kyo jate hai taki hum achchhe rah sake naki aatma achhi rah sake .
Granth banana wale ne socha nahi hoga ki duniya me itna kuchh hoga wah sochate the ki bas itni duniya hai uanhe to khyal nahi aaya ki itna kuchh ho sakata hai.
Aaj hum technology ki kitab padte hai,granth ko bagal me rakh dete kyoki granth me thode likha hai ki mobile kaise banaye ..
Jis din science hume sab subidha de dega usdin dharm se parda uth jayega.
By:-
Ranjeet kumar yadav
Aatma hoti to pyas nahi lagti aatma to aatma hai ese bhi pyas lagti hai to aadmi hi thik hai hum ek adbhut machinn hai.hume jaisi chije chahiye mai vaisi chijo ka upyog karte hai.agar hum thak jate hai to hum hi aaram karte hai na ki aatma,agar hum bimar padte hai to dawa hum khate hai na ki aatma.
Hamari sanskriti sadhu santo se bhari hui hai hume kya mila kuchh nahi hum in bekar ke chakkar me phase rahe agar hume gyat ho jata to hum aaj sabse aage hote.
Hum aaj western ki sabhyata ko la rahe kyo ki hume aaj usi ki jarurat hai naki aatma ki .aaj bhi kuchh log aatma ke chakkar me pade huye hai.vah log kab sudhare g eve log sab kuchhh dekh rahe hai phir bhi agyan bane hai hume to aatma ko khojna hai.
Agar hum ek bar mar gaye to sab kuchh usi din khatam ho gaya.agar hamari sans ruk gayi to hamari aatma nahi bachayegi agar hum doctor ke pas nag ye to phir kya hoga ……..
Hum doctor ke pas kyo jate hai taki hum achchhe rah sake naki aatma achhi rah sake .
Granth banana wale ne socha nahi hoga ki duniya me itna kuchh hoga wah sochate the ki bas itni duniya hai uanhe to khyal nahi aaya ki itna kuchh ho sakata hai.
Aaj hum technology ki kitab padte hai,granth ko bagal me rakh dete kyoki granth me thode likha hai ki mobile kaise banaye ..
Jis din science hume sab subidha de dega usdin dharm se parda uth jayega.
By:-
Ranjeet kumar yadav
Thursday, January 13, 2011
GOD HAI YA NAHI........
hum hai ya nahi is bisay par charcha karna kaphi kathin hoga ..
maiu aapse ek bat kahuga ki GOD exist or not.in my idea god does not exist because jab humari nas ko kat diya jay tohumara sara khun nikal jayega and hum mar jayege agar humari kidny fail ho jay to hum mar jayege to god kya role hai jo hum hai wahi hai ..god ka chakjar to dikhta nahi..agar god hota to duniya me atyachar ko rokata .aur to aur koi imandar aadmi nhi marta tab to imandari ko badawa milta .
mera kahne ka matlab ye hai ki laden ,daud,or so many don hai jo nahi hote. ye khud bachate hai to bach jate hai god ka koi roll nahi dikhata agar inhe koi marta hai to admi na ki god....
god nhi hai bas hum hai to hai hum jo karte hai vah agr dusro ko fayda pahuchata hai to hum thik hai nahi to hum kharab hai or hum don hai bas aaj itnahi........
maiu aapse ek bat kahuga ki GOD exist or not.in my idea god does not exist because jab humari nas ko kat diya jay tohumara sara khun nikal jayega and hum mar jayege agar humari kidny fail ho jay to hum mar jayege to god kya role hai jo hum hai wahi hai ..god ka chakjar to dikhta nahi..agar god hota to duniya me atyachar ko rokata .aur to aur koi imandar aadmi nhi marta tab to imandari ko badawa milta .
mera kahne ka matlab ye hai ki laden ,daud,or so many don hai jo nahi hote. ye khud bachate hai to bach jate hai god ka koi roll nahi dikhata agar inhe koi marta hai to admi na ki god....
god nhi hai bas hum hai to hai hum jo karte hai vah agr dusro ko fayda pahuchata hai to hum thik hai nahi to hum kharab hai or hum don hai bas aaj itnahi........
Tuesday, October 26, 2010
ABOUT HUMAN
human ek khatar nakh machine hai.jo ki sochane ki chhamta rakhata hai.ham aaj ke daur me anek prakar ki machino ne prichit hai par o exactaly human or kah sakte hai ki natural nahi hai.es prakar ki machino ko ham chalate hai na ki khud.
hum bhi ek machin hai jo ki khud chalte hai par,hum apni jarurt ko mahsus kar lete hai jabki machin nahi.aaj kal artificial chije kaphi ban rahi hai.
ek din aesa aayega ki aadmi ke gud sutro ko khud banayege and admi paida kar dege.ab admi ki jarurat hi nahi ho gi yahi nahi kuchh samay bad agar kisi janwar ki thodi si haddi bhi mil jay to use fir se jivit kar dege.mujhe lagata hai ki ek din aayega jab daynasor,ancient human,many jo ki aaj ke yug me nahi hai par o kabhi hote the.
aur sabse interesting bat hai ki hum sukl bhi banayege yahi nahi hum sukl ek nhi do nhi bulki bahut jo ki asanmbhaw hai.........
i am Ranjeet kumar yadav jo ki history me kaphi ruchi rakhata hun........thanks
hum bhi ek machin hai jo ki khud chalte hai par,hum apni jarurt ko mahsus kar lete hai jabki machin nahi.aaj kal artificial chije kaphi ban rahi hai.
ek din aesa aayega ki aadmi ke gud sutro ko khud banayege and admi paida kar dege.ab admi ki jarurat hi nahi ho gi yahi nahi kuchh samay bad agar kisi janwar ki thodi si haddi bhi mil jay to use fir se jivit kar dege.mujhe lagata hai ki ek din aayega jab daynasor,ancient human,many jo ki aaj ke yug me nahi hai par o kabhi hote the.
aur sabse interesting bat hai ki hum sukl bhi banayege yahi nahi hum sukl ek nhi do nhi bulki bahut jo ki asanmbhaw hai.........
i am Ranjeet kumar yadav jo ki history me kaphi ruchi rakhata hun........thanks
Monday, October 4, 2010
Saturday, May 1, 2010
Friday, April 23, 2010
Great sachin
ager cricket field me koi 200 run mar sakata haiu to vah sochin
ager sabse adhik run bana sakta hai to sachin
apni form ko barkarar rakh sakta hai ti sachin
sant swabhav ka koi hai to sachin
sachin ke bare me jitna bolo utna kam hai
duniya me sachin jaisa koi player hona muskil hai
so we can say .....sachin is the god of cricket.......
ager sabse adhik run bana sakta hai to sachin
apni form ko barkarar rakh sakta hai ti sachin
sant swabhav ka koi hai to sachin
sachin ke bare me jitna bolo utna kam hai
duniya me sachin jaisa koi player hona muskil hai
so we can say .....sachin is the god of cricket.......
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